नवरात्रि व्रत में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। व्रत के अंतिम दिन कन्याओं को घर बुलाकर हलवा, पूड़ी और काले चने का प्रसाद खिलाया जाता है। इसके साथ ही उनको विशेष उपहार भी दिया जाता है। लेकिन शास्त्रानुसार उपहार की बात करें, तो नवरात्रि के पहले दिन कन्याओं को सुगंधित व ताजा फूल और शृंगार की सामग्री भेट करना शुभ होता है। दूसरे दिन कन्याओं को फलों दें। फलों का दान करने से व्यक्ति की स्वास्थ्य और धन संबंधी कामनाएं पूर्ण होती हैं। ध्यान रखें,
फल खट्टे नहीं होने चाहिए। तीसरे दिन कन्याओं को स्वादिष्ट मिठाई या घर पर बनी खीर, हलवा खिलाएं। नवरात्रि के चौथे दिन कन्याओं को वस्त्र दान करें।
अपने सामर्थ्य के अनुसार रूमाल या रंग-बिरंगे रिबन दे सकती हैं। पांचवें दिन कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री देना शुभ माना जाता है। छठे दिन छोटी-छोटी कन्याओं को खिलौने दें। अपनी श्रद्धा के अनुसार खेल सामग्री और सातवें दिन स्टेशनरी की चीजें दान करें। आठवें दिन कन्याओं का पैर धोकर श्रृंगार करें और उसका पूजन करें। पैरों पर कुमकुम, चावल और पुष्प अर्पित करें। फिर भोजन कराकर सामर्थ्य अनुसार कोई चीज भेंट करें। अंतिम दिन यानी नौवें दिन कन्याओं के पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाने से देवी पूजा पूर्ण होती है। इसके बाद कन्याओं को खीर खिलाएं। फिर पूजन पूर्ण कर के बाद कन्याओं को लाल चुनरी भेंट करें।
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